चुनावी नज़र, सियासी लहर
उत्तर प्रदेश की हवाओं में सियासी गर्मी महसूस की जा सकती है, यहां एक अलग ही चुनावी बयार बह रही है, जिधर देखो उधर ही सियासी पंडित अपने-अपने कयास लगा रहे है। कोई 'कमल का फूल' खिलाने के नाम पर जनता को फूल बना तरह है तो साइकिल को अपने हाथों से चलाने का दावा कर रहा है । हाथी की सवारी के लिए तो एक सुमुदाय मैदान में कूद पड़ा है। सबसे दिलचस्प बात इस चुनाव में यह देखने को मिल रहा कि हर कोई मतों की पहले ही गणना कर अपने आप को जीतने का दावा भी कर रहा है। हालिया स्थिति यह है कि सूबे में नेता जिधर देखता है उधर जनता उसे वोटबैंक ही दिखाई पड़ती है। उत्तर प्रदेश में राजनीति सिर्फ़ जाति तक ही सीमित नहीं अपितु यहाँ वोटों के तराज़ू में कुछ ऐसे डिजिटल मीटर लगे हुए हैं जो जनता को जाति ,धर्म, सम्प्रदाय, कुल एवं गोत्र के रूप में भी विभाजित कर वोटों को मापने की क्षमता रखते हैं । ऐसे कामों के लिए सियासी पार्टियों ने अपने टीमों में कुछ गणमान्य लोगों को जगह दे रखा है जो लोग अपने काम को बखूबी ढंग से निभा भी रहे है। कुछ सियासी पंडित ऐसे भी है जिन्हें यह बात पता है कि इस चुनाव में समुदाय क