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Showing posts from July, 2015
माँ मेरे पास आ जाओ अपने आँचल में सुला जाओ बहुत थक गया हु मै  तेरे बिना दुनिया   दुत्कारती है लोग फटकारते है  तेरे बिना कोई नहीं है मेरा यहाँ  मेरा  कोई दोस्त   भी नहीं है। तू होती तो कितना अच्छा होता माँ माँ  तेरी याद सताती है मेरे पास आ जाओ  तेरे साथ  वो मुस्कुराना , बात बात  रूठना मानना   वो यादो का ताजमहल बनाना कितना  अच्छा लगता  था काश आज तू मेरे पास होती अगर तू  सुन रही है तो लौट आ तुझे मेरी याद नहीं सताती क्या माँ  

तन्हाई

तेरे बिना तन्हा  गुज़र जायेगा ये साल भी , जैसे आखे नम  करते करते काट दिया हमने बीता हुआ साल भी ...बस इस उम्मीद में की  साथ रहेगी तो सिर्फ तेरी  यादे , वो परछाई जो बीते हुए साल भी मेरी थी और आने वाले साल भी मेरी रहेंगी । तेरी कमी कभी कभी महसूस तो होती है पर अब आदत सी हो गयी है इन्हे महसूस करने की ,ये भी पता है मुझे कि  हर समय ,हर कदम पर तेरी कमी महसूस होगी , थोड़ा मुश्किल सा लगता है तेरे बिना जीना पर खुद पर भरोसा है जी लूंगा तेरे बैगैर तेरे होने न होने से ज्यादे फर्क  पड़ता मगर हा एक तकलीफ आज भी है और शायद हमेशा रहेगी । ..........