कड़वा है..पर सच है


कड़वा है..पर सच है ..... 

एक लड़का अपना फोन स्पीकर पर डालकर अपनी गर्लफ्रेंड से बात करता है 'मिल के मज्जे लेते हैं यार' और बगल में बैठे चार दोस्त चटखारे ले रहे हैं, ऐसा कई पुरुष भी करते होंगे. जब किसी भी लड़की को यह बात पता चलेगी कि उसका ही दोस्त, उसकी इज्ज़त तो बेआबरू कर रहा है तो वह कैसे किसी पुरुष मित्र पर भरोसा कर पायेगी? 
एक माँ अपनी बेटी से क्यों नहीं कहेगी कि लड़कों से बात मत करो, दोस्ती मत करो और फिर हम इसे रुढ़िवादी मानसिकता का नाम देंगे.

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