सहारनपुर कश्मीर क्यों बन रहा है...

 सहारनपुर। उत्तर प्रदेश के सहारनपुर में जुलूस और शोभायात्राओं को लेकर शुरू हुआ तांडव पिछले एक पखवारे से ज्यादा होने को आया है लेकिन यह अब भी थमने का नाम नहीं ले रहा है। हाल-फिलहाल में देखे तो कश्मीर और सहारनपुर के दृश्य में ज़्यादा कुछ फर्क नजर नहीं आता। क्योकि एक तरह जहां कश्मीर में सेना के जवान अलगाववादियों और पत्थरबाजों की मार झेल रहे हैं वहीं सहारनपुर में पुलिस स्थानीय हिंसक हुए लोगों का। अभी कुछ दिनों पहले सोशल मीडिया पर कश्मीर का एक वीडियों बहुत तेज़ी से वायरल हुआ था जिसमे वहां के स्थानीय लोग सेना के जवानों पर खुलेआम हमला करते नज़र आ रहे थे इसे देखने के बाद देश भर के लोगों का गुस्सा फूटा था। एक तथ्य यह भी है कि कश्मीर में इस तरह की घटना होनी आम बात है क्योकि वहां अलगावादियों ने डेरा जमाया हुआ है लेकिन अब जब यही स्थिति यूपी के सहारनपुर में पैदा होती है तो मामला गंभीर बनता है आखिर यहां यह सब क्यों हो रहा है? इसके लिए हम जिम्मेदार किसे मानेंगे। यह यकीन करना थोड़ा मुश्किल है कि क्या वाकई कश्मीर वाली स्थिति सहारनपुर में पैदा हुई है लेकिन वास्तविकता यही है। इन दिनों सहारनपुर की भी एक वीडियों वायरल हो रही है जिसमे वहां के स्थानीय लोग पुलिस प्रशासन पर जमकर हमला करते दिख रहे है और उसके बाद पुलिस के वाहनों पर लाठी डंडे से हमला कर रहे है।

ये पुलिसकर्मी कश्मीर में तैनात उन सैनिकों से कम नहीं जो दिनभर पत्थर झेलते हैं और रात में अगर बाढ़ आ जाए तो पत्थर मारने वाले हाथों को ही सहारा देते हैं। जिस तरह से कश्मीरी पत्थरबाजों के पीछे अलगाववादियों का हाथ माना जाता है, उसी तरह से इस पूरे हिंसा को भड़काने के पीछे ‘भीम आर्मी’ नामक संगठन का नाम आ रहा है। कहने को तो यह संगठन दलितों को शिक्षित और सशक्त बनाने के लिए काम करता है लेकिन इस संगठन की विचारधारा क्या होगी, इसका अंदाजा आप संगठन के संस्थापक के नाम से ही लगा सकते हैं। ‘भीम आर्मी’ के संस्थापक का नाम है चंद्रशेखर आजाद ‘रावण’। संभवतः चंद्रशेखर आजाद नाम मां-पिता ने दिया होगा और राम विरोधी दिखाने के लिए ‘रावण’ वह खुद बन गए होंगे।

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