सत्ता की धौंस

                                                       सत्ता की धौंस 

सूबे में सत्ताधीशो के ऊपर सियासत का नशा इस कदर हावी  है ,कि यहाँ मंत्री के संतरी और विधायक जी के चमचे भी अपने आप को मंत्री व विधायक से काम नहीं समझते है। इन्हे न ही कानून की परवाह है और न ही प्रशासन का खौफ। ये वो लोग है जिनको लोगो ने सत्ता की बागडोर सँभालने को दिया है और वही लोग इस ओहदे का फायदा उठाते हुए कानून और प्रशासन को अपनी उंगलियो पर नचाने की कोशिश कर रहे है। आलम ये है कि आये दिन ऐसी घटनाये देखने को तो आ रही पर इनको काबू में करने वाले हिम्मत नहीं जुटा पा रहे है ,हिम्मत जुटाए भी तो आखिर कैसे ? इन घटनाओ को अंजाम देने वाले कोई और नहीं बल्कि सत्ता पे विरज़मान वो लोग है जिन्हे जनता ने अपने जनप्रतिनिधि के रूप में गद्दी पे बिठाया है।सपा सरकार में यह कोई नयी बात  है ,इतिहास उठा कर देखा जाये तो न जाने कितनी ऐसे मामले है जो की ठंडे बस्ते में जा चुके है। और ऊपर से जो अधिकारी इन लोगो के खिलाफ बगावत करने की हिम्मत जुटाता भी है तो ये लोग अपने सत्ता का धौस जमाते हुए इन अधिकारियो का तबादला करा देते है या फिर इन्हे डरा धमका कर इन्हे अपने हद में रहने की नसीहत तक दे देते है। 

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