मीडिया के लिए तब था 'मल्टीटैलेंटेड बाबा', और अचानक आज...

वही मल्टीटैलेंटेड बाबा राम रहीम अब मीडिया के लिए रेपिस्ट, कुकर्मी, हैवान, ढोंगी न जाने क्या-क्या बन गया है। था तो वह पहले भी लेकिन इस मीडिया उस वक़्त दिखाई नहीं देता था, देता भी कैसे बाबा की खूबियाँ गिनने से फुरशत मिले तब तो खामियों की तरफ नज़र जाए। खैर आज के समय में यह ढोंगी बाबा मीडिया चैनलों के लिए टीआरपी का संसाधन बन चुका है। तभी तो बाबा के काफ़िले से लेकर बाबा की आलीशान गुफ़ा तक आपने एक-एक करके बाबा की सारी परतें उधेड़ कर रख दी हैं। बाबा अय्याश पहले भी था, बाबा ढोंगी पहले भी था, बाबा के डेरे में हथियारों से लैस उसके ख़ुद के प्राइवेट कमांडों पहले भी थे। बाबा का डेरा पहले भी रहस्यमयी था।बाबा पर बलात्कार के आरोप डेढ़ दशक पहले लगे थे लेकिन नींद तब खुली जब दो बहादुर बेटियों ने अपने बल बूते जंग जीत ली, बाबा को काल कोठरी पहुंचा दिया, बबके गुंडों ने आपकी संपत्ति जला भी, कुछ आपके साथियों को चोट पहुंचा दी।

देर हो गयी है साहब, आपकी पोल खुल चुकी है, जनता सब समझती है। कहावत है सुबह का भूला शाम को भी घर लौट आए तो भूला नहीं कहते लेकिन आपने तो लौटने में वर्षों लगा दिये, आपका ही साथी इस बाबा की पोल खोलने के चक्कर में स्वर्ग सिधार गया, बहुतों ने इस आपकी गलती का खामियाजा भुगत लिया है। और हां ये जो हर घंटे इस राम रहीम की आप खबर दिखा रहें हैं, आपको क्या लगता है आप समाज पर एहसान कर रहे है। ये टीआरपी का खेल नहीं होता न तो आप निकाल गए होते मुद्दे तलाशने।

हालांकि, आप पहले भी बाबा पर स्टोरी किया करते थे, इंटरव्यू किया करते थे, मगर तब तो आपको बाबा के अंदर सिर्फ़ टैलेंट ही टैलेंट नज़र आता था। तब आपको बाबा मल्टीटैलेन्टेड धार्मिक गुरु नज़र आता था। तब आपने एक बार भी उससे नहीं पूछा उन दो साध्वियों के बारे में, सेवकों को नपुंसक बनाने के बारे में, उस बहादुर पत्रकार की हत्या के बारे में, उसकी निजी सेना के बारे में।

आपकी पत्रकारिता हमेशा उस ढोंगी को बाबा और संत कहकर पुकारा और लिखा करती थी जबकि आप सब को पहले से उसके कारनामों का अंदाज़ा था, बावजूद इसके आपने उस समय उसके ढोंग को उजागर करने का साहस कभी नहीं दिखाया। और आज जब दो बहादुर बेटियों और एक बहादुर बेटे ने कुछ अच्छे लोगों के सहयोग से उस ढोंगी को उसकी सही जगह पहुंचा दिया है, तब आप हर आधे एक घंटे में बाबा अय्याश और बाबा दरिंदा नाम की रट लगाए जा रहे हैं।

अब आप लोग बाबा के डेरे में छिपे रहस्यों से पर्दा हटा रहे हैं। क्यों भाई इतना साहस कहां से आ गया अचानक से? रहने दीजिए, आप नहीं बता पाएंगे क्योंकि मैं जानता हूं कि आपका साहस उधार का है।

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